Saturday, July 25, 2009

कंप्यूटर हेकिंग का इतिहास

कंप्यूटर हैकिंग या कंप्यूटर के सॉफ़्टवेयर के साथ छेड़छाड़ का इतिहास इंटरनेट के आगमन के साथ जुड़ा हुआ है. ई-मेल या इंटरनेट के ज़रिए भेजे गए वायरस और कंपनियों और संस्थाओं की कंप्यूटर प्रणाली से जानकारी चुराए जाने से या उन्हें हैक किए जाने से कई बड़ी संस्थाओं को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ है.मगर इस काम को हैकिंग क्यों कहते है? दरअस्ल इस शब्द का इस्तेमाल शुरु हुआ अमरीका की मेसेच्युसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलॉजी (एम आई टी) में.यहां इस शब्द का अर्थ होता था कोई भी काम चतुर ढंग से या विचारोत्तजक नई शैली में करना. ज़ाहिर सी बात है कि अब हैकिंग का अर्थ है किसी कंप्यूटर या दूरसंचार प्रणाली को क्षति पहुंचाना.
1969शुरुआत हुई अरपानेट की जिससे आगे चलकर इंटरनेट का विकास हुआ. पहले अरपानेट नेटवर्क में केवल चार नोड का इस्तेमाल होता था.
1971रॉय टॉमलिनसन ने ई-मेल का पहला प्रोग्राम लिखा. इस समय अरपानेट में 64 नोड का इस्तेमाल होने लगा था.
1980ग़लती से एक कंप्यूटर वायरस के फैलने से अरपानेट ने काम करना बंद कर दिया.
1983अरपानेट प्रणाली को विभाजित करके सैनिक और नागरिक धड़ों में बांट दिया गया और जन्म हुआ इंटरनेट का.इसी वर्ष रिलीज़ हुई फ़िल्म वॉरगेम्स जिसमें हैकिंग को काफ़ी सकारात्मक रुप में पेश किया गया. हैकिंग करने वाले कई लोगों ने बाद में दावा किया कि वो कंप्यूटर प्रणालियों से छेड़छाड़ करने के लिए इस फ़िल्म से प्रेरित हुए थे.
1986अगस्त मे बर्कले में केलिफ़ॉर्निया विश्वविद्यालय की लॉरेंस बर्कले लैब के नेटवर्क मेनेजर क्लिफ़र्ड स्टॉल ने हिसाब खाते में 75 सेंट की ग़लती की जांच करते हुए पाया कि कुछ हैकर विभाग की कंप्यूटर प्रणाली के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं.एक साल तक चली जांच के बाद हैकिंग के लिए ज़िम्मेदार पांच जर्मन व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया.1988कॉर्नेल विश्वविद्यालय के छात्र रॉबर्ट मॉरिस ने एक ऐसा वर्म प्रोग्राम बनाया जो किसी भी कंप्यूटर प्रणाली में पहंचाए जाने के बाद अपने जैसे 6000 प्रोग्राम बना कर प्रणाली को ठप्प कर सकता है.रॉबर्ट मॉरिस को गिरफ़्तार किया गया और उसे $ 10,000 का जुर्माना, 400 घंटे अनिवार्य समाज सेवा और दोबारा यही अपराध करने पर तीन वर्ष कैद की सज़ा सुनाई गई.
1989 केविन मिटनिककेविन मिटनिक को डिजिटल इक्विपमेंट कंपनी से सॉफ़्टवेयर और अमरीकी टेलिफ़ोन कंपनी एमसी से लंबी दूरी की टेलिफ़ोन लाइनों के कोड चुराने के आरोप में, ऐसी चोरी संबंधी नए कानून के तहत एक साल कारावास की सज़ा सुनाई गई.इसी वर्ष जिनीवा की सर्न प्रयोगशाला में टिम बर्नर्स ली और रॉबर्ट काइलियो ने डबल्यू डबल्यू डबल्यू यानि वर्ल्ड वाईड वेब का विकास किया.199416 वर्षीय रिचर्ड प्राइस को अमरीकी के अंतरिक्ष शोध संस्थान नासा, कोरियाई आण्विक शोध संस्थान के सैंकड़ों कंप्यूटरों में ग़ैरकानूनी ढंग से इंटरनेट के ज़रिए जानकारी निकालने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया.इसी वर्ष हेकिंग करने वाले एक गुट ने सिटीबैंक के कंप्यूटरों के कोड का पता लगा कर एक करोड़ डॉलर बैंक से निकाल लिए. सिटीबैंक इसमें से सिर्फ़ चार लाख डॉलर ही बरामद कर पाया.
1995फ़रवरी मे केविन मिटनिक को दोबारा गिरफ़्तार किया गया. इस बार उन पर 20,000 क्रेडिट कार्डों के नंबर चुराने का आरोप था.उन्हें चार साल कारावास की सज़ा सुनाई गई. उन्हें परोल की रियायत भी इस शर्त पर मिली कि वो कंप्यूटर या मोबाईल फ़ोन के पास नहीं फटकेंगे.15 नवंबर को वायरस प्रोग्राम लिखने के आरोप में क्रिस्टोफ़र पाइल को 18 महीने कारावास की सज़ा हुई. इस अपराध के लिए सज़ा पाने वाले वो पहले व्यक्ति थे.अमरीका का कहना है कि 1995 मे उसके प्रतिरक्षा विभाग के कंप्यूटरों पर ढाई लाख हमले हुए.
1996केविन मिटनिक को दी गई सज़ा के विरोध में कई लोकप्रिय वेबसाइट को हेकिंग करने वालों ने बिगाड़ दिया. इस वर्ष तक इंटरनेट पर 1,60,00,000 वेबसाइट उपलब्ध हो गईं थी.
1999 डेविड स्मिथमार्च में मेलिसा वायरस ने दुनियाभर के हज़ारों कंप्यूटरों को नुकसान पहुंचाया. अमरीकी जांच एजेंसी एफ़बीआई ने इस ख़तरनाक वायरस को बनाने वाले न्यू जर्सी के एक प्रोग्रामर डेविड स्मिथ को गिरफ़्तार किया.
2000 फ़रवरी में याहू और अमेज़ॉन जैसी कुछ सबसे लोकप्रिय वेबसाइट हैकिंग का गंभीर रुप से शिकार हुईं.मई में आई लव यू वायरस ने दुनिया भर में कंप्यूटरों को भारी नुकसान पहुंचाया. इससे कंपनियों और संस्थाओं को करोड़ों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा. अक्तूबर में माइक्रोसॉफ़्ट ने स्वीकार किया की उसके अहम नेटवर्क भी हैकिंग का शिकार हो गए हैं हैकिंग करने वाले कुछ लोगों ने माइक्रोसॉफ़्ट द्वारा भविष्य में बाज़ार मे लाए जाने वाले उसके विंडोज़ उत्पादों के सोर्स कोड का पता लगा लिया है.

कंप्यूटर का रख रखाव जरुरी !

अधिकतर लोग कम्प्यूटर खरीद तो लेते हैं किन्तु उसके रख-रखाव के लिये कभी भी ध्यान नहीं देते। यहाँ पर हम कुछ उन छोटी छोटी बातों का उल्लेख करेंगे जिससे आपका पीसी हमेशा टिप-टॉप बना रहे।

UPS: कम्प्यूटर के लिये यूपीएस (UPS - Unrupted Power Supply) का इस्तेमाल करना ही चाहिये किन्तु यदि आपके क्षेत्र में अक्सर बिजली चली जाती है तो आप अपने कम्प्यूटर के लिये यूपीएस को अत्यावश्यक ही समझें।

सफाई: हम अपने कम्प्यूटर के कैबिनेट, मॉनीटर, कीबोर्ड, माउस की सफाई तो प्रायः करते हैं किन्तु पीसी को ठंडा रखने वाले पंखे (cooling fans) की सफाई की ओर हमारा ध्यान जाता ही नहीं है जबकि यह सबसे अधिक आवश्यक कार्य है। यदि धूल, गंदगी आदि के कारण से पंखा चलना बंद हो गया तो आपके कम्प्यूटर के पॉवर सप्लाय, ग्राफिक्स कॉर्ड, सीपीयू (CPU - Central Processing Unit) को भारी क्षति पहुँचने का अंदेशा रहता है। इसलिये यदि आप अपने पीसी के पंखे की सफाई यदि स्वयं करना नहीं जानते तो समय समय पर (कम से कम तीन माह में एक बार) अपने सर्विस प्रोव्हाइडर से पंखे की सफाई करवाते रहिये।

नए ड्राइवर :अपने हार्डवेयर्स के लिये सही और नवीनतम ड्रायव्हर्स का ही प्रयोग करें। ड्रायव्हर्स के अपडेट हार्डवेयर बनाने वाली कंपनी के वेबसाइट में मुफ्त में उपलब्ध होता है।

अर्थिंग: अपने कम्प्यूटर को हमेशा सही अर्थिंग दें, दो पिन वाले प्लग प्रयोग न करें बल्कि अर्थिंग वाले तीन पिन वाले प्लग का ही प्रयोग करें। आवश्यक हो तो अपने इलैक्ट्रिशियन से चेक करवा लें कि सही अर्थिंग मिल रहा है या नहीं।

कमांड लाइन का उपयोग करना सीखे!

हम सभी चाहते हैं कि एक के बाद एक कई क्लिक करके अपना समय व्यर्थ न गवाएँ और अपने वांछित प्रोग्राम को शीघ्रतापूर्वक खो लें। तो इसके लिये 'रन' (Run) बहुत बढ़िया साधन है। बस आपको कमांड्स याद होने चाहिये।
यहाँ पर 'रन' (Run) बॉक्स में टाइप करने के लिये कुछ कमांड्स दे रखे हैं:
रन बॉक्स खोलने के लिये विंडो+ आर (win+R) कुंजियों को दबायें या स्टार्टरन (StartRun) का चयन करें।
अब खुलने वाले बॉक्स में निम्न कमांड्स टाइप करें:
केलकुलेटर (Calculator) खोलना़ टाइप करें - calc
कैरेक्टरमैप (Character Map) खोलना़ टाइप करें - charmap
कंट्रोल पैनल (Control Panel) खोलना़ टाइप करें - control
फॉन्ट फोल्डर (Fonts Folder) खोलना़ टाइप करें - fonts
कमाण्ड प्राम्प्ट (Command Prompt) खोलना़ टाइप करें - cmd
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड (Microsoft Word) खोलना़ टाइप करें - winword
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल (Microsoft Excel) खोलना़ टाइप करें - excel
माइक्रोसॉफ्ट पॉवरपाइंट (Microsoft Powerpoint) खोलना़ टाइप करें - powerpnt
वर्डपैड (Wordpad) खोलना़ टाइप करें - write
माइक्रोसॉफ्ट पेंट (Microsoft Paint) खोलना़ टाइप करें - mspaint
फोटोशॉप (Photoshop) खोलना़ टाइप करें - photoshop
एक्रोबेट (Acrobat) खोलना़ टाइप करें - acrobat
डिव्हाइस मैनेजर (Device Manager) खोलना़ टाइप करें - devmgmt.msc
डिस्क डिफ्रैगमेंट (Disk Defragment) खोलना़ टाइप करें - dfrg.msc
डिस्क क्लीनअप (Disk Cleanup) खोलना़ टाइप करें - cleanmgr
चेक डिस्क (Check Disk) खोलना़ टाइप करें - chkdsk
डिस्प्ले प्रापर्टीज़ (Display Properties) खोलना़ टाइप करें - desk.cpl
आन स्क्रीन कीबोर्ड (On Screen Keyboard) खोलना़ टाइप करें - osk
एड रिमूव्ह प्रोग्राम (Add/Remove Programs) खोलना़ टाइप करें - appwiz.cpl
इंटरनेट एक्सप्लोरर (Internet Explorer) खोलना़ टाइप करें - iexplore
फ्रीसेल कॉर्ड गेम (Free Cell Card Game) खोलना़ टाइप करें - freecell
हार्ट्स कॉर्ड गेम (Hearts Card Game) खोलना़ टाइप करें - mshearts
माइनस्वीपर गेम (Minesweeper Game) खोलना़ टाइप करें - winmine
पिनबाल गेम (Pinball Game) खोलना़ टाइप करें - pinball

नया ऑपरेटिंग सिस्टम : माइक्रोसॉफ्ट मल्टीटच

विश्व की अग्रणी साफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसाफ्ट कार्पोरेशन ने अपने विंडो आपरेटिंग सिस्टम के अगले संस्करण को टच स्क्रीन बनाने की योजना बनाई है। विंडो के अगले संस्करण को मल्टी टच कहा जाएगा और यह विंडो-सेवन का हिस्सा होगा। उन्होंने बताया कि इस विंडो में टच स्क्रीन का भी विकल्प होगा और इसे अगले वर्ष के अंत तक जारी कर दिया जाएगा।
इस विंडो में आपरेटिंग सिस्टम को अंगुली के छूने भर से नियंत्रण किया जा सकेगा और इसके अलावा इस पर काम करने के अन्य विकल्प भी उपलब्ध होंगे। टच स्क्रीन विंडो लाने का प्रयास इसका उदाहरण है कि माइक्रोसाफ्ट अपने उत्पादों को किस तरह से उन्नत बनाता है।
माइक्रोसाफ्ट ने इस संबंध में एप्पल इंक से संपर्क किया है। एप्पल इंक ने इस प्रणाली का इस्तेमाल अपने आई फोन में सफलता पूर्वक किया है, जिसमें कंप्यूटर, फोन और इंटरनेट उपलब्ध कराया गया

वेब का इतिहास

दुनिया का पहला कंप्यूटर सन् 1945 में पेनसिलिवेनिया में बनाया गया था। सत्तर के दशक तक कंप्यूटर काफी महंगा और विशाल आकार वाला होता था इस लिए बड़े सरकारी विभाग या कंपनियां ही इसे खरीद पाते थे। भारत में पहला कंप्यूटर सन् 1955 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान ने खरीदा था। सन् 1981 में जीरोक्स कंपनी ने पहला माइक्रो कंप्यूटर बाजार में उतारा। धीरे-धीरे छोटे, हल्के और सस्ते कंप्यूटर बनने के बाद घरों में भी लोग कंप्यूटर खरीदने लगे। सन् 1991 में टिम बर्नर्स ली ने अनेक कंप्यूटर को जोड़कर वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत की। लेकिन भारत में इंटरनेट सेवा 15 अगस्त 1995 में तब आरंभ हुई जब विदेश संचार निगम लिमिटेड ने अपनी टेलीफोन लाइन के जरिए दुनिया के अन्य कंप्यूटर से भारतीय कंप्यूटरों को जोड़ दिया। इसी साल देश की पहली साइट इंडिया वर्ल्ड डॉट कॉम आरंभ हुई। इसी साल रिडिफ डॉट कॉम और इंडिया टाइम्स डॉट कॉम भी आरंभ हुई। सन् 1998 में सरकार ने निजी कंपनियों को इंटरनेट सेवा क्षेत्र में आने की अनुमति दे दी। 23 सितंबर 1999 को दुनिया का पहला हिन्दी पोर्टल वेब दुनिया इंदौर से आरंभ हुआ।
नब्बे का दशक भारतीय कंप्यूटर क्रांति का दशक माना जा सकता है। जब तेजी से ना केवल देश में कंप्यूटरों की बिक्री बढ़ी बल्कि बड़ी तादाद में कंप्यूटर का प्रशिक्षण देने वाले संस्थान भी शुरू हुए। हालांकि इसमें सरकार का उदार नीतियों का भी काफी योगदान रहा। नतीजा ये निकला कि भारत में प्रशिक्षित कंप्यूटर इंजीनियर बड़ी संख्या में अमेरिका के सिलिकोन वैली में जाने लगे। इसके साथ-साथ भारतीय तकनीकी संस्थान (आईआईटी) इंजीनियर अपनी उद्यमशीलता से कंप्यूटर जगत में अपना स्थान बनाने में लगे हुए थे। अर्जुन मल्होत्रा, शिव नाडार (एचसीएल), अजीम प्रेम जी (विप्रो) और नारायण मूर्ति (इन्फोसिस) के नाम इनमें प्रमुख रूप से गिने जा सकते हैं। सन् 2000 के बाद कंप्यूटर की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई और ऑफिसों से निकल कर अब कंप्यूटर मध्यमवर्गीय घरों में भी दिखने लगा। इसी के साथ-साथ देशभर में साइबर कैफों की बदौलत इंटरनेट सेवा ने भी व्यापक विस्तार लिया। इन कैफे में इंटरनेट सेवा की दर 50-60 रूपये प्रतिघंटा से घटकर 10-20 रूपये तक आ गयी।

Thursday, July 23, 2009

कंप्यूटर खरीदना चाहते हैं ?

कंप्यूटर खरीदना चाहते हैं तो दी गई सूची आपको कंप्यूटर खरीदने में सहायक होगी :

उपकरण ब्रांड कीमत
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मदरबोर्ड इंटेल (ओरिजनल)/गीगाबाईट 15500 /5600/-

प्रोसेसर क्वार्डकोर/ऐ एम् डी एथेलोन 6600/3200/-

रेम ( 4GB) Transcend HI FSB 2600/-

हार्ड डिस्क (250 GB) साटा seaget 2500/-

डीवीडी राईटर सोनी /एचपी 1100/1800/-

मोनिटर LG 19"/samsung 20" 7000/10500/-

कैबिनेट I-Ball 1850/-

की-बोर्ड + माउस logitech combo 850/-

प्रिंटर+स्कान्नेर+फोटोकॉपी Hp (Inkjet) /lesser 7500/6600/-


यदि आपको कंप्यूटर सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी चाहिए तो कॉल करे :09970947439

Wednesday, July 22, 2009

इन्टरनेट



गूगल लाजवाब

गूगल एक ऐसी पहचान हैं जिससे की पुरा संसार परिचित हैं गूगल सामान्यतया सर्च इंजन के नाम से जाना जाता हे! चाहे किसी भी क्षेत्र के बारे में आपको जानकारी चाहिए गूगल उन सभी क्षेत्रों के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध करता हैं!
गूगल के कुछ खास गुण :-

I'm Feeling Luck: सीर्चिंग को आसान बनाने के लिए तथा सही जानकारी हासिल करने के लिए इसका उपयोग किया जाता हैं!


Google Labs: गूगल लेब्स एक ऐसा स्थान हे जहाँ पर गूगल नए परिक्षण करता हैं, और यहाँ पर नई तकनीको से अवगत करता हैं इसमे ऐसी कई सुविधाएँ हैं जिनमे प्रमुख हैं


SMS Channel: इस चैनल के जरिये किसी भी क्षेत्र से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर पाएंगे अपने मोबाइल पर बिल्कुल मुफ्त ! यहाँ पर भिन्न भिन्न प्रकार की सूची दे रखी होती हैं जिसमे कई प्रकार के चैनल होतें हैं , जिन्हें आप चालू कर सुसिधा का लाभ उठा सकते हैं!

Google Map: यहाँ पर आपको पृथ्वी के प्रत्येक क्षेत्र की जानकारी, नक्शा तथा किसी विशेष स्थान का चलचित्र मिलता हैं!


Google Calender: यहाँ आप अपने दिन चर्या का लेखा जोखा तेयार कर सकते हैं जिसका प्रिंट आउट भी निकला जा सकता हैं!





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